4 करोड लागत से बनें महाविद्यालय की छत से टपक रहा पानी, घटिया निर्माण की पोल खोल रही बारिश, मामला शासकीय महाविद्यालय कुसमी के भवन निर्माण का,

 

 

 

 

बीरबल समाचार  सीधी । जिले का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कहा जानें वाला जनपद क्षेत्र कुसमी इन दिनों अफसरशाही की भेंट चढ़ गया है। क्षेत्रिय विधायक कुंवर सिंह टेकाम द्वारा आदिवासी क्षेत्र में नई-नई संस्थाओं के लिए करोड़ों की लागत के भवन आदिवासी जनपद पंचायत में स्वीकृत कराए जा रहे हैं जिससे आदिवासियो का एवं यहां के रहबासियो के विकास में किसी तरह की कोई कसर बाकी न रहे। लेकिन भवनो को निर्माण करने वाले विभाग एवं ठेकेदार घटिया निर्माण कार्य कर विधायक के सपनों को चकना चूर करने में जुटे हुए है। ऊल्लेखनीय हैं कि कुसमी जनपद पंचायत क्षेत्र अंर्तगत कई नए भवनों का निर्माण कराया गया है लेकिन निर्माण एजेंसी विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही से यह भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। बताया गया है कि बरसात का पानी गिरते ही ऐसे घटिया निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की पोल एक-एक करके खुल रही है वैसे कुसमी में हुए निर्माण कार्यो की गुडवत्ता पहली बारिश में ही कई पुलो का गिरना एवं भवनो के क्षतिग्रस्त होने की खबरे लगातार प्रकाशित की जा चुकी हैं। अब एक जीता जागता मामला कुसमी महाविद्यालय का देखा गया है। इस महाविद्यालय का निर्माण 4 करोड़ रुपए की लागत से पीआईयू विभाग को बनाने का जिम्मा दिया गया था जिसमें ठेकेदार के द्वारा इतना घटिया निर्माण कार्य किया गया कि कॉलेज की छत से पानी टपक रहा है भवन की दीवार मे दरार आ आई है,लगाई गई टाइल्स उखड गई है,अब वहां पर अध्यनरत आदिवासी छात्र-छात्राओं के ऊपर कभी भी छत की छपाई का मटेरियल गिर सकता है। ऐसी शंका छात्रो ने जाहिर की है। इसकी जानकारी संस्था प्रमुख के द्वारा संबंधित ठेकेदार को दी जा चुकी है लेकिन सुधार कार्य अभी तक नहीं किया गया है।

 

 

 

गारंटी अवधि का हैं इंतजार,

 

 

बताया जा रहा है कि भवन की गारंटी कुछ ही माह की शेष है जिसके चलते संविदाकार द्वारा जानबूझकर टाला जा रहा है। जैसे ही समयावधि पूर्ण हो जाएगी संविदाकार अपनी सुरक्षा निधि भी आहरित कर रफूचक्कर हो जाएगा। बुद्धिजीवियों का कहना है कि ठेकेदार के द्वारा घटिया पदार्थ का उपयोग किया गया, नदी नालों के रेत का उपयोग किया गया उस समय जब भवन बन रहा था तब भी मीडिया ने खबर प्रकाशित की थी जिस पर कुसमी एसडीएम जांच करने गये थे बाद मे फिर वही रवैया हो गया और आज भवन टपक रहा है। ऐसे में ठेकेदार एवं पीआईयू विभाग के अधिकारियो कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए जिन्होने इस तरह के 4 करोड़ की लागत के भवन में लापरवाही बरती है।अगर कार्यवाही हो जाये तो अधिकारी दोबारा ऐसी लापरवाही न बरतगे।

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