अतिथि विद्वान महासंघ जिला इकाई सीधी द्वारा जताया गया विरोध,

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी।विगत माह परीक्षा के दौरान शासकीय महाविद्यालय लहार जिला भिंड (परीक्षा केंद्र) में परीक्षा संचालित थी जिसमें दो अतिथि विद्वानों की भी ड्यूटी बीक्षकीय कार्य के लिए लगाई गई थी परीक्षा जैसे संवेदनशील मामले में कोई अधिकारी कर्मचारी अतिथि विद्वान लापरवाही का परिचय नहीं देना चाहिए परीक्षा ड्यूटी में सजग रहना चाहिए लेकिन अगर यदि परीक्षा केंद्र की स्थिति नहीं संभाली जा रही है वहां के बच्चे नहीं संभाल पा रहे हैं तो प्राचार्य अधीक्षक सहायक अधीक्षक साथ ही वीक्षक सभी लोगों को मिलकर पुलिस प्रशासन से व्यवस्था को बनाए रखने के लिए माग करनी चाहिए थी क्या रेगुलर कर्मचारी अधिकारी बीक्षकी कार्य कर रहे होते तो क्या उनकी सेवा समाप्त की जाती यही नियम तो अतिथि विद्वानों पर भी लागू होनी चाहिए जो गलती किया उसकी सजा का वह हकदार है क्योंकि परीक्षा जैसे संवेदनशील मामले में लापरवाही किया तो दोषी है गलती पाई गई तो वेतन काटे एब्सेंट करें हफ्ते दो हफ्ते सस्पेंड करें किसी अन्य महाविद्यालय में ट्रांसफर करें लेकिन सीधे-सीधे आमंत्रण समाप्त करना यानी सेवा समाप्त करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय हैं इस संबंध में जैसे ही पता चला तो संजय गांधी महाविद्यालय सीधी में समस्त अतिथि विद्वानों की आवश्यक बैठक डॉ बृजेश सिंह जिला अध्यक्ष सीधी ने बुलाई जिसमें जिलाध्यक्ष डॉ सिंह ने कहा कि यह बहुत ही गलत है इस तरह से किसी भी व्यक्ति की सीधे-सीधे नौकरी समाप्त करना मानवता की निशानी नहीं है। सामने वाले इंसान का भी परिवार है मां-बाप हैं बीवी बच्चे हैं जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा गलती अगर इंसान किया तो इसकी सजा दी जानी चाहिए इसके लिए भी सामने वाले का पक्ष सुनकर उचित निर्णय लेना चाहिए जिससे उसका जीवन यापन भरण पोषण चलता रहे। कुछ ऐसा वैसा कदम उठा लेगा तो इसका जवाब देही किसकी होगि वैसे ही हम सब अतिथि विद्वान कई साथियों को खो चुके हैं इसलिए डॉ सिंह ने अपने सभी साथियों के साथ उच्च शिक्षा विभाग में बैठे वरिष्ठ बुद्ध जीवियों से विनम्रता पूर्वक आग्रह किया है कि इस कार्यवाही पर विचार करना चाहिए साथ डॉ सच्चिदानंद तिवारी ने कहा कि इस संबंध में आगे अपना पक्ष विभाग के मंत्री महोदय साथ ही माननीय मुख्यमंत्री महोदय के पास रखा जाएगा सीधी जिले के समस्त अतिथि विद्वान इसका विरोध करते हैं तथा डॉ गौरव यादव ने कहा कि इस तरह के निर्णय से सभी में असंतोष है दो तरह के निर्णय अतिथि विद्वानों को बलि का बकरा बनाया गया है निःसंदेह इस निर्णय पर विचार करना चाहिए किसी के भी नौकरी इतनी आसानी से नहीं लेना चाहिए साथ ही डॉ बाय.पी. साहू ने कहा कि इस तरह से संवेदनशील निर्णय का हम सब विरोध करते हैं दो-चार दिन में अगर विचार नहीं किया गया तो पूरे मध्यप्रदेश में इसका विरोध शुरू हो जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारियों की होगी। इस बैठक में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष डॉ बृजेश सिंह चौहान, डॉ सच्चिदानंद तिवारी, डॉ बाय.पी. साहू, डॉ गौरव यादव, डॉ सत्य प्रकाश शुक्ल, डॉ कन्हैया लाल प्रजापती, डॉ राज लाल पटेल, डॉ अनीता तिवारी, डॉ रश्मि शर्मा डॉ, नुसरत बेबी खान डॉ, श्वेता सिंह, डॉ शशि कला पटेल, डा विभा कुशवाहा, डॉ राजेश विश्वकर्मा डॉ, राजेश मिश्रा, डॉ आशुतोष पांडे, डॉ अर्चना सिंह, डॉ रितु साहू, डॉ अमित कश्यप, डॉ निवेदिता लखेरा, डॉ कोमल पांडे, डॉ प्रदुमन सोनी आज समस्त सती विद्वान उपस्थित थे।

hi
error: Content is protected !!
×