पूजापार्क की श्रीमद्भागवत कथा का विश्राम दिवस,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी।

 

 

 

शहर के पूजापार्क में श्रीकृष्ण रसामृत समिति तथा सोमालोब साहित्यिक मंच सीधी के तत्वावधान में विगत 13 जनवरी से चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आज विश्राम दिवस है। व्यास पीठ पर विराजमान कथा प्रवक्ता पं.बाला व्यंकटेश महराज वृन्दावनोपासक का माल्यार्पण से स्वागत वन्दन सुरेन्द्र सिंह बोरा,श्री मती कुमुदिनी सिंह, डाॅ राम सुशील शुक्ल,अधिवक्ता लालमणि सिंह चौहान,पवन कुमार सिंह,धीरेन्द्र सिंह,तथा डाॅ श्रीनिवास शुक्ल सरस व अंजनी सिंह सौरभ ने किया।कथा प्रसंग को उद्घाटित करते हुए महराज जी ने समुपस्थित श्रोताओ को बताया कि भागवत कथा कलयुग के लिए एक वरदान है। इसलिए जीवन में भगवान का सहारा लेकर कार्य करना चाहिए क्योंकि जिसके जीवन में गुरु और भगवान कवच बन जाते हैं उनको समाधान कृष्ण देते हैं। फलतः श्री कृष्ण के चरणों का अनुरागी बनने से मार्ग प्रशस्त होगा।जब तक कृष्ण से यारी नही करोगे तब तक संसार का नजारा नही समझ में आयेगा। कथा के श्लोक की भावमयता को सरलीकृत करके व्यास जी ने समझाया कि प्रतीक्षा भगवान की,परीक्षा संसारियों की और समीक्षा स्वंय के कर्मो की करनी चाहिए। एक उदाहरण देकर महराज जी ने विषय बस्तु को बोधगम्य बनाया कि जब लक्ष्मण जी बनवास के समय अपनी माॅ सुमित्रा के पास अनुमति लेने गये तब उन्होंने बहुत सुन्दर उत्तर दिया कि मैं तो एक जन्म की माॅ हूॅ लेकिन राम सीता तो जन्म जन्मांतर के माता पिता हैं। यह उत्तर अपने आपमें एक आदर्श और दर्शन समाहित किये हुए है। कृष्ण सुदामा का कारुणिक और मार्मिक वर्णन करते हुए पं.बाला व्यंकटेश महराज वृन्दावनोपासक ने कहा कि सुदामा संयमी और धैर्यवान साधक थे तभी तो कृष्ण के परम प्रिय सखा प्रतिष्ठित हुए। सुदामा जी कभी चोरी नही किए और न ही लोभ और मोह उनके पास चिपकने पाया। वह तो दृढ़ संकल्प की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। सुदामा जी को महराज जी ने बताया कि वह त्रेता के केवट थे। इसीलिए उनके जीवन में धनाभाव था ।कथा में कथानक के साथ रोचक उपकथाएँ कहकर व्यास जी कथा को विवेचित करते रहे।प्रसंगानुसार बीच- बीच में भजन-कीर्तन चलता रहा।कथा का विश्राम दिवस होने के कारण महराज जी ने सार संक्षेप और श्रीमद्भागवत कथा की अनुक्रमणिका कहकर कथा को विराम दिया।पूजापार्क में शुरू से ही श्रद्धालु श्रोताओ और भक्तों का शैलाब उमड़ता रहा।विगत बीस वर्षों से पूजापार्क में शुभारंभ इस संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के कुछ विशेष श्रोताओं को जनवरी मास की प्रतीक्षा रहती है। उपसंहार में भागवत भगवान की आरती हवन और भण्डारे का कार्यक्रम उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। व्यास पीठ से सीधी के सभी पत्रकारों के सहयोग हेतु महराज जी ने मुक्त कण्ठ से धन्यवाद दिया।

डाॅ श्रीनिवास शुक्ल सरस

9926375840/8770281599

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