भंवरसेन घाट में सोन आरती महोत्सव का हुआ आयोजन,
बीरबल समाचार सतना। सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच सतना के अध्यक्ष डॉ. यू.बी. सिंह परिहार जलविद/ से.नि.कार्यपालन यंत्री जल संसाधन/ गीतकार के नेतृत्व एवं अध्यक्षता में दिनांक 01 जून 2025 को पी.डब्लू.डी. रेस्टहाउस भंवरसेन जिला सीधी में श्रोणभद्र नद आरती महोत्सव कवि गोष्ठी व भजन संध्या का भव्य आयोजन सविधि सम्पन्न हुआ। आध्यात्मिक आयोजन में मुख्य अतिथि डॉ. एन. पी. तिवारी जी साहित्यकार / चिकित्सक बिरला अस्पताल सतना तथा विशिष्ट अतिथि के रूप सर्वश्री मृगांक सिंह बघेल श्रोणभक्त शिकारगंज,डॉ विनोद तिवारी संगीतकार रीवा, डॉ शिव प्रसाद पाण्डेय से. नि. प्राध्यापक उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश /सचिव पाण्डेय शिक्षा समिति भमरहा जिला मैहर मध्यप्रदेश, डॉ.नागेंद्र सिंह प्रतिहार सतना,डॉ सत्यनारायण तिवारी सिंगरौली, श्री राकेश पाण्डेय युवा समाजसेवी भरतपुर सीधी, श्री समरजीत वर्मा बघेली गजलकार सतना, श्री टी. के. सिंह परिहार अध्यक्ष साहित्य प्रभा मंच बांसी जिला मैहर मध्यप्रदेश, श्री रमेश प्रताप सिंह जाख़ी सतना,श्री अनुराग मिश्रा संगीतज्ञ, श्री राजेन्द्र तिवारी जी संगीतकार मझौली सीधी, श्री रामकथा नट वरिष्ठ साहित्यकार मैहर, श्री महेन्द्र कुमार द्विवेदी बघवार सीधी उपस्थित रहे। श्रोणभद्र नद के पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व तथा भंवरसेन की धन्य धरा में जन्मे कवि/इतिहासकार स्व. मोती लाल शर्मा की निम्न लिखित अमर पंक्तियों को मूलाधार मानते हुए दिव्य आयोजन स्थानीय संयोजक एवं जनमानस के सहयोग से पूर्ण हुआ।
भंवरसेन का पावन तट यह, विंध्य धरा का प्राण। सरस्वती ने पुलकित होकर,जिसको सौंपा “बाण”।
विशिष्टअतिथि वयोवृद्ध स्थानीय समाजसेवी सर्व श्री मृगांक सिंह बघेल जी ने भंवरसेन की महिमा व स्व. श्री मोतीलाल शर्मा तथा स्व. श्री रामदर्शन मिश्र राही जी के दिव्य सानिध्य, आध्यात्मिक स्नेह व कृतित्व को प्रणाम करते हुए दिव्य आयोजन का स्वागत किया और इसे सतत करते रहने का विनम्र निवेदन किया। डॉ.अरुण कुमार पयासी “बघेली बांधव”ने अपने बीज वक्तव्य में भंवरसेन के महत्व को ग्रंथों में लिखी बातों से प्रमाणित किया।बृहद ब्रह्म पुराण के श्रोण भद्र महात्म्य शिव पार्वती प्रसंग के अध्याय आठ में लिखे श्लोकों के माध्यम से भंवर सेन की महिमा को समझाए,साथ स्व.श्री मोतीलाल शर्मा व उनके प्रातर स्मरणीय सदगुरु स्व. श्री रामदास पयासी जी के कृतित्व को भी स्मरण किया गया। डॉ. विनोद तिवारी संगीतकार रीवा ने अपने 14सदस्यीय “रिदम म्यूजिकल ग्रुप” के साथ उपस्थित होकर श्रोण भद्र हरिरुप आरती भजन संध्या के माध्यम से भगवद सेवा किए। श्री अनुराग मिश्रा एवं श्री राजेन्द्र तिवारी जी संगीतज्ञ द्वय मझौली सीधी ने भजन सुनाकर भगवान शिव व श्रोण भद्र हरिरुप को प्रणाम किया। अध्यक्षीय उद्वोधन में डॉ यू .बी सिंह परिहार ने जल को जीवन से जोड़कर जल के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रतिपादित किए। जल संवर्धन एवं संरक्षण पर जोर देते हुए सनातन धर्म संस्कृति संरक्षणार्थ एक जुट होने का मंत्र बताया । स्थानीय संयोजक श्री अमित कुमार द्विवेदी गीतकार एवं कवि एवं श्री सज्जन शुक्ल समाज सेवी ने अपने गांव की पावन भूमि को प्रणाम कर गीत सुनाकर आभार प्रदर्शन किया। मुख्यअतिथि डॉ एन पी तिवारी जी व अध्यक्ष डॉ.यू बी सिंह परिहार के नेतृत्व में ढोल नगाड़ों के साथ श्रोणभद्र नद की संध्या आरती सम्पन्न हुई। सनातन संस्कृति संरक्षण हेतु सभी उपस्थित सदस्यों ने बघेली बांधव द्वारा लिखित श्रोणभद्र आरती का गायन अरुण कुमार पयासी,अमित द्विवेदी, डॉ विनोद तिवारी के साथ एक स्वर में गया। आए हुए अतिथियों के भोजन भण्डारे का प्रबंध श्री रामजी गौतम समाजसेवी ने किया ।
इस सुअवसर पर अवनीश शर्मा जी,पीयूष मिश्रा ,सरदार बेलौहा, शिव श्रीवास्तव, रोशन सोनी, अर्चना शुक्ला जी, ज्योति मिश्रा जी,सुश्री नीलम गुप्ता जी, सुश्री मनोभावना सिंह जी, सुश्री नेहा सिंह जी, सुश्री नाजिया बेगम जी,सुश्री प्रतिमा मिश्रा जी सुश्री ललिता पांडेय जी, लाल बहादुर सिंह, श्रीपति शर्मा, विनोद द्विवेदी, दान बहादुर सिंह बघेल उर्मिला सिंह, बाबूलाल बैस, संजय बैस, लालमणि केवट, मौसम नट, शिवराज सिंह सेंगर, जय दीप मिश्र, शिरीष कुमार द्विवेदी, इंद्रमणि द्विवेदी,छोटेलाल केवट, ऋषभ सिंह बघेल उपसरपंच, शलिल अग्निहोत्री, कैलाश सिंह, डॉ चड्ढा जी , पाण्डेय जी बुढ़गौना, रामजी गौतम, रमाकांत गौतम, एड.अभिषेक शुक्ल सहित शताधिक भक्त जन शामिल हुए।
जय श्री श्रोणभद्र (हरिरुप) महाराज!
जय चंद्रेहनाथ शिव जी
धर्मेन्द्र प्रताप सिंह “धरम”
सतना सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच
सतना मध्यप्रदेश