पुलिस अधीक्षक की डेहरी पर दम तोड़ती उम्मीद,

 

 

 

 

बीरबल समाचार सतना।  जी हां पुलिस अधीक्षक महोदय सतना की सीढ़ियों की डेहरी पर दम तोड़ती उम्मीद,जो की न्याय के लिए लगाई गई हो। और पुलिस अधीक्षक साहब की सीढ़ियों की दहलीज में उम्मीद दम तोड़ रही है। विगत माह पहले राजीव शुक्ला के द्वारा दिनांक 10/04/25 को आवेदन दिया गया कि मुझे सोशल मीडिया में कोटर निवासी केसी शुक्ला के द्वारा व्हाट्सएप के ग्रुपों में,लिखित तथा स्वचलित वीडियो जारी कर अभद्र भाषा, गाली गलौज और अपमानित किया जा रहा। जिस दिन यह आवेदन दिया गया उस वक्त पुलिस अधीक्षक साहब जिले की न्याय मूर्ति की अनुपस्थिती थी, क्योंकि वह छुट्टी का दिन था। उनकी अनुपस्थिती में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सतना को आवेदन दिया गया। उनके द्वारा उक्त जांच डीएसपी हेडक्वार्टर मुख्यालय सतना को मार्क कर दिया गया। उक्त महोदय डीएसपी हेडक्वार्टर के द्वारा प्रार्थी के बयान दर्ज किए गए। जिनका अब तबादला वर्तमान समय पर हो चुका है,और कार्यवाही ठंडे बस्ते में तब्दील हो गई। न्याय की गुहार न्याय की मूर्ति जिले के कप्तान से लगाई गई थी, मगर कोई रास्ता नहीं दिखा।

 

हाथ कंगन को आरसी क्या?

 

मेरा कहने का तात्पर्य है आवेदन के साथ व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट की प्रतिलिपि व पेन ड्राइव में आरोपी द्वारा जारी किया हुआ गाली गलौज का वीडियो भी सुपुर्द किया गया। मगर कहीं ना कहीं न्याय की सीढ़ी पर ही न्याय की उम्मीद दम तोड़ रही।

 

जनसुनवाई भी किसी काम की नहीं,

 

पुलिस विभाग में होने वाली जनसुनवाई में प्रार्थी द्वारा पहुंचकर सुनवाई के लिए आवेदन दिया गया, दिनांक 15/05/25 को। मगर वहां की सुनवाई भी बीरबल की खिचड़ी निकली और उम्मीद का गला घुटने लगा। प्रार्थी द्वारा डीजीपी मध्य प्रदेश तथा आईजी रीवा को भी प्रतिलिपि आवेदन की डाक के द्वारा प्रेषित की गई है,अब आखरी उम्मीद उन्हीं से लगाई गई। मगर कोई न्याय की उम्मीद की किरण नहीं दिख रही।

 

आखरी राह न्यायालय की,

 

जब प्रार्थी को कोई दरवाजा खुलता हुआ प्रतीत नहीं हुआ तो, प्रार्थी को जिला मजिस्ट्रेट की शरण उचित लगी। कल दिनांक पर प्रार्थी द्वारा परिवाद दायर कराया जाएगा और बताया जाएगा कि जिले की न्याय की मूर्तियों से जब न्याय नहीं मिला तो आपका दरवाजा खटखटाया गया।

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