उपाध्यक्ष कक्ष आवंटन मामला, उच्च न्यायालय ने सीएमओ को सौंपी जिम्मेवारी,
– दिनोदिन गहराती जा रही सीधी नगर परिषद की राजनीति,
बीरबल समाचार सीधी। नगर पालिका परिषद सीधी के उपाध्यक्ष दानबहादुर सिंह द्वारा कक्ष खाली कराए जाने के विरोध में उच्च न्यायालय जबलपुर में एक याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह साफ कर दिया है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद सीधी याचिकाकर्ता के सुविधाजनक कार्य व्यवस्था को देखते हुए कक्ष आवंटन किया जाए। हालांकि उच्च न्यायालय के उक्त आदेश पर उपाध्यक्ष दानबहादुर सिंह ने सीएमओ को पत्र लिखकर आदेश का हवाला देते हुए बैठने एवं कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु सुविधाजनक कक्ष आवंटित को लेकर मांग उठाई है। बता दें कि नगर पालिका परिषद सीधी में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के बीच बनी अनबन की स्थिति से एक तरफ जहां नगर का विकास प्रभावित हो रहा है वहीं दूसरी तरफ राजनीति भी दिनोदिन गहराती जा रही है। उल्लेखनीय है कि नगर पालिका परिषद सीधी के उपाध्यक्ष दानबहादुर सिंह के कक्ष क्रमांक 26 को 24 फरवरी 2025 को अध्यक्ष सहित पार्षद व अन्य लोगों की मौजूदगी में ताला तोडक़र कक्ष खाली करा दिया गया था। जिसके विरोध में श्री ङ्क्षसह ने उच्च न्यायालय एवं थाना सिटी कोतवाली तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीधी को पत्र लिखकर उचित कार्यवाही की मांग की थी। इसी मामले में उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश जबलपुर के डब्ल्यूपी नंबर 13590/2025 में पारित निर्णय आदेश दिनांक 22 अप्रैल 2025 के अनुसार उच्च न्यायालय ने यह साफ कर दिया है कि प्रशासनिक आदेश में हस्तक्षेप यह न्यायालय नहीं कर सकता है लेकिन मुख्य नगर पालिका अधिकारी को याचिकाकर्ता के मांग अनुसार सुविधाजनक कार्यव्यवस्था करनी चाहिए।
तो खाली होगा अध्यक्ष का कक्ष,
उच्च न्यायालय द्वारा उपाध्यक्ष दानबहादुर सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए पारित निर्णय में यह पाया गया है कि नगर पालिका द्वारा यह बताया गया है कि कक्ष क्रमांक 26 को जिला शहरीय विकास प्राधिकरण कार्यालय के लिए आवंटित किया गया था। अगर इसी आदेश के अनुसार एवं न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के आधार पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है तो एक बार फिर अध्यक्ष का कक्ष भी खाली हो सकता है। कारण कि उपाध्यक्ष का कक्ष खाली कराकर अध्यक्ष ने उक्त कक्ष को अपना कक्ष बना लिया था। लेकिन अब उसमें शहरीय विकास प्राधिकरण कार्यालय संचालन के लिए आवंटित की बात सामने आई है। उक्त बातों का उल्लेख उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय की कांपी में पाया गया है।
नहीं है कक्ष आवंटन का नियम,
मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद सीधी द्वारा 10 दिनों थाना कोतवाली को दिए गए जवाबी पत्र में इस बात का साफ उल्लेख किया गया है कि नगर पालिका परिषद सीधी में जन प्रतिनिधियों को कक्ष आवंटन संबंधी कोई भी आदेश जारी नहीं है। उक्त पत्र सीएमओ ने 22 अप्रैल 2025 को थाना प्रभारी सिटी कोतवाली को भेजा था। कुल मिलाकर यह साफ हो गया है कि अगर उपाध्यक्ष व पार्षदों को परिषद भवन में कक्ष आवंटन की पात्रता नहीं है तो अध्यक्ष को भी कक्ष की पात्रता नहीं है। अब देखना यह है कि इस मामले में सीएमओ नगर पालिका द्वारा क्या कदम उठाया जाता है।