तीन दिवसीय लोकोत्सव का हुआ भव्य समापन,

अंगना पधारो महारानी भजन से ख्याति पाने वाले मनीष अग्रवाल का लोकोत्सव में दिखा अद्भुत अंदाज़,

लोकोत्सव के समापन में गुदुम बाजा की हुई अद्भुत प्रस्तुति,

स्थानीय लोक गायक रोशनी प्रसाद मिश्र और साथियों ने बघेली गीत गायकी दिलाया सीधी को सम्मान,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। NCZCC प्रयागराज उत्तरप्रदेश संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा “एक भारत श्रेष्ठ भारत” अंतर्गत तीन दिवसीय लोकोत्सव का अद्भुत आयोजन किया।सीधी के स्थानीय मुक्ताकाशी मंच पूजा पार्क में तीन दिनों से चल रहे लोकोत्सव का भव्य समापन हुआ, कार्यक्रम की शुरुआत लोकगीत गायकी से हुई,पहली प्रस्तुति अल्मोड़ा उत्तराखंड के लोक गायक गोपाल सिंह चम्पाल एवं साथियों ने कुमाऊनी लोकगीत की प्रस्तुति से आगाज किया जिसमें बांसुरी की सुरीली तान श्रोताओं का मन मोह लिया।दूसरी प्रस्तुति स्थानीय लोक गायक रोशनी प्रसाद मिश्र और दल ने बघेली लोकगाथा, करमा, फाग,निर्गुण भजन और भगत गीत का किया,मिश्र ने अपनी अद्भुत गायकी से जहां दर्शकों का दिल जीत लिया जिससे सीधी का सम्मान बढ़ा है,वहीं मादल की थाप,करतार की खनक और लौटा की टिमटमाहट से सबको अचंभित कर दिया,प्रजीत साकेत ने नगरिया वादन,सृजन मिश्र ने हारमोनियम तथा श्लोक तिवारी ढोलक व सत्यदीप द्विवेदी ने तबले में संगत किया। अन्य गायकों में श्रुति सिंह,शुभी सिंह,दिव्या द्विवेदी,मानसी तिवारी ,दृष्टि तिवारी,स्वर्णिम द्विवेदी,अनुभूति कुंदेर,अभिनय कुंदेर,देवांश तिवारी और ओमकार पाण्डेय शामिल रहे।

तीसरी प्रस्तुति विंध्य क्षेत्र के जबलपुर से चालकी आए सुप्रसिद्ध तम्बूरा भजन व लोकगीत गायक मनीष अग्रवाल एवं साथी अंगना पधारो महारानी व अन्य भजन गायकी के माध्यम से कला प्रेमियों को रिझाने में सफ़ल रहे, लोकोत्सव में मनीष अग्रवाल का अलग अंदाज़ देखने को मिला उनकी गायकी सुनते देर रात तक दर्शक झूमते रहे। चौथी प्रस्तुति मथुरा उत्तर प्रदेश के कलाकार मुरारी लाल तिवारी एवं साथियों द्वारा ब्रज वंदना और मयूर लोकनृत्य की दी, नृत्य में श्रीकृष्ण का मयूर बनकर नृत्य करना दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाला था। नृत्य की अगली प्रस्तुति कैलाश ध्यानी ने अपने दल के साथ उत्तराखंड के तांदी लोकनृत्य का किया जो मन को रंजित करने वाला था। इसके बाद सिक्किम से आई शर्मिला गदेली एवं साथी कलाकारों ने तमांग सैलो लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। तदुपरांत बुंदेलखंड सागर के कलाकार मूलचंद ठाकुर एवं साथियों ने राई नृत्य की सराहनीय प्रस्तुति दी। अंतिम प्रस्तुति प्रजीत कुमार साकेत की अगुआई में बकवा के लाल बहादुर घासी एवं साथी कलाकार केशमन घासी, शेषमन घासी,पतिराज घासी, छोटेलाल,समयलाल,हंशलाल, अमृतलाल, कलई घासी, दान बहादुर,बंशलाल,अमेरिका, गढ़ेलाल व गया प्रसाद ने गुदुम बाजा की दी, गुदुम बाजा बघेलखंड का सबसे ज्यादा ऊर्जा का संचार करने वाला वाद्य प्रधान अद्भुत लोकनृत्य है जिसको देखकर दर्शकों के पैर थिरकने लगते हैं और अंत में वही हुआ उनके साथ-साथ आयोजन समिति के तमाम प्रबंधन समिति के सदस्य थिरकने लगे। समापन समारोह में मुख्य रूप से डॉ सुनीता तिवारी,रचना राजे सिंह,वर्षा सिंह,शर्मिला सिंह,अजीता द्विवेदी,विनीता मिश्रा,तारा तिवारी,रुचि खरे,पूनम सोनी, रंजना मिश्रा,इंजी.आर. बी.सिंह,धर्मेन्द्र सिंह,डॉ मनोज सिंह,राज बहोरन सिंह,मुनिराज विश्वकर्मा, विनय मिश्र एवं बाबू लाल कुन्देर सहित कई गणमान्य नागरिक आयोजन के साक्षी रहे। तीन दिवसीय लोकोत्सव की परिकल्पना आशीष गिरि प्रभारी निदेशक nczcc की थी जिसे मूर्तरूप देने हेतु NCZCC के तीन अधिकारी कृष्ण मोहन द्विवेदी,मनोज कुमार व कैलाश केशरी ने अपनी भूमिका अदा किया। जिला प्रशासन के सहयोग से स्थानीय अग्रणी नाट्य संस्था इन्द्रवती नाट्य समिति के संयोजन में तीन दिवसीय लोकोत्सव का आयोजन सम्पन्न हुआ। अतिथियों ने आयोजन की खूब प्रशंसा किया वहीं अंत में कृष्ण मोहन द्विवेदी ने सांसद सीधी डॉ.राजेश मिश्र,जिला प्रशासन सीधी, नगरपालिका सीधी,मीडिया परिवार सीधी, पुलिस प्रशासन सीधी,इन्द्रवती नाट्य समिति सीधी व समस्त श्रोताओं,दर्शकों और कलाकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन में विशेष आभार नीरज कुंदेर, रोशनी प्रसाद मिश्र, रजनीश जायसवाल ,प्रजीत साकेत और अंचित गौतम का करते हैं क्योंकि उनके सहयोग के बिना आयोजन सफ़ल होना मुश्किल काम था। मंच संचालत अंचित गौतम ने किया।

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