केंद्र व राज्य मिलकर बनाएंगे अंत्योदय से विकसित भारत – सीए अखिलेश जैन

 

 

 

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार जबलपुर। केंद्र सरकार के 50.65 लाख करोड़ रुपए के बजट व आज प्रस्तुत मध्य प्रदेश सरकार के 420000 करोड़ रुपए के बजट की आत्मा की तरफ विश्लेषण किया जाएगा तो फिर पंडित दीनदयाल जी का अंत्योदय का सिद्धांत ही नजर आता है । मोदी जी 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाकर उन्हें मध्यम वर्ग में स्थायित्व प्रदान करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं , डॉक्टर अंबेडकर जी के संविधान के गौरव को स्थापित कर रहे हैं। घर बैठी आधी आबादी को विकास में भागीदार बना रहे हैं। तुष्टीकरण को पूर्ण संतुष्टीकरण की तरफ ले जा रहे हैं। जिन्हें कोई नहीं पूछता था उन्हें पूछ भी रहे हैं और पूज भी रहे हैं। सुरक्षित, आत्मनिर्भर, सशक्त व समृद्ध भारत भा वी पीढ़ी को सौंपने के लिए जी जान से जुटे हैं, तो दूसरी तरफ आज प्रस्तुत मोहन यादव सरकार का दूसरा बजट सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना करने के लक्ष्य को साधने का प्रयास कर रहा है। सकल घरेलू उत्पाद जितना बढ़ेगा उतना रोजगार बढ़ेगा, जितना रोजगार बढ़ेगा गरीब उतना ऊपर आएगा, प्रति व्यक्ति आय जितनी ऊपर आएगी, अंत्योदय का सिद्धांत उतना काम करेगा। रोजगार पैदा करने के लिए मध्य प्रदेश की मोहन सरकार का इरादा बहुत स्पष्ट है, वैश्विक निवेशक सम्मेलन से आने वाला निवेश धरातल पर रोजगार पैदा करेगा, राज्य के जीएसटी कलेक्शन में उठाव लायेगा, पलायन में लगाम लगेगी, 22 नए आईटीआई खोलने की मोहन सरकार की घोषणा गरीब वर्ग के बच्चों को कौशल प्रशिक्षण के साथ – साथ रोजगार की संभावना तो मिलेगी ही, उद्योगों को भी स्थानीय प्रशिक्षित मैनपॉवर मिलेगा, फिर गरीब कल्याण व मध्यम वर्ग में उन्हें स्थायित्व मिलेगा।  केंद्र व राज्य ने कोई नया टैक्स न लगाकर लोगों की क्रय क्षमता को बढ़ाया है व मार्केट में धन बढ़ाकर फिर रोजगार निर्माण का प्रयास किया है। एक जिला एक उत्पाद स्थानीय लोगों को पलायन से रोककर स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करने में मदद करेगा।  1 अप्रैल से सातवें वेतनमान की घोषणा जहां सरकारी कर्मचारियों को होली व नववर्ष का उपहार है, वहीं बाजार को नई गति मिलेगी, फिर गरीब कल्याण, फिर अंत्योदय, फिर अंत्योदय से विकसित भारत। किसी भी प्रकार से बजट का विश्लेषण कर लें परिणाम में मिलेगा गरीब कल्याण- अंत्योदय- नव मध्यम वर्ग में स्थायित्व- फिर विकसित भारत @2047 में मध्य प्रदेश की बड़ी हिस्सेदारी।

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