मंदिर को पर्यटन स्थल बनाने की गई कूट रचना की जांच शुरू
पुजारी की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक करा रहे जांच
मंदिर निर्माण निर्माण कराने वाले के परिजनों का दर्ज हुआ बयान
बीरबल समाचार सीधी। जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के कपुरी कोठार गांव में स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर तालाब वाटिका को पर्यटन स्थल बनाकर अपने अधिपत्य में करने की की गयी कूट रचना की जांच शुरू हो गई है लम्बे जद्दोजहद के बाद पुलिस ने पुजारी की शिकायत पर मंदिर से जुड़े लोगों का बयान लेना शुरू कर दिया है गुरूवार 14फरवरी को मंदिर तालाब बनाने वाले भैसरहा निवासी गुप्ता परिवार के परिजनों का जहा कथन लिया गया है वहीं पर्यटन बनाने वाली समिति में सामिल भरतपुर निवासी कृष्ण कुमार गुप्त का भी कथन लिया गया है। दोनों लोगों के बयान दर्ज होने के बाद क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बन गया है की अब कूट रचना कर ट्रस्ट बनाने वाले के विरुद्ध प्रकरण दर्ज होगा।
उल्लेखनीय है कि लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व कपुरी कोठार ग्राम में गहरवार परिवार से जमीन लेकर भैसरहा ग्राम निवासी रामधनी बानी ने हनुमान मंदिर तालाब कूप वाटिका का निर्माण कराकर लोकार्पण कर दिया था इतना ही नहीं स्व श्री बानी ने मंदिर तालाब वाटिका की रक्षा और लालजी स्वामी की पूजा अर्चना के लिए कपुरी कोठार निवासी जग्गूराम मिश्र को खानदानी पुजारी नियुक्त किया था तब से उनके वारिस जन पूजा अर्चना और मंदिर का रख रखाव करते चले आ रहे हैं वर्तमान में उनके पौत्र हनुमान प्रसाद मिश्र पूजा अर्चना तालाब और सम्पत्ति की रक्षा कर रहे हैं । बता दें की मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता के संसोधन के दौरान मंदिर की भूमि को मध्यप्रदेश शासन के आधीन कर दिया गया इसकी जानकारी लगते भरतपुर जनपद वार्ड के सदस्य के पारिवारिक जेठ जो पत्रकारिता पेशे से जुड़े हुए हैं ने मंदिर तालाब की भूमि को अपने अधिपत्य में करने की कूट रचना करने लगे,पहले उन्होंने तालाब व मंदिर परिसर को सौंदर्यीकरण के बहाने काम कराना शुरू किए जिसमें जन सहयोग पंचायत का बजट और अल्ट्राटेक बघवार का भरपूर सहयोग लिए तब लोगों ने दिल खोलकर उनका साथ दिया किन्तु मंदिर और तालाब व वाटिका के विकसित होते ही उनके मन में लालच आने लगा तो वे तालाब की मेढ़ व आधे पानी में पिलर खड़ा करने के साथ मेढ़ में 47*50फिट का खुद का घर बनाने लगे इस घर को पुजारी और मंदिर से जुड़े लोगों के पूंछे जाने पर अतिथि गृह बनाने की जानकारी देते रहे हैं जब की पंचायत व निर्माण कराने वाले के पास शासन प्रशासन से कोई मंजूरी नहीं थी । मंदिर के पुजारी और गांव में वरिष्ठ जनों की मानें तो ग्राम पंचायत के आदिवासी महिला सरपंच होने का फायदा जनपद सदस्य के रिस्ते का जेठ उठा रहा था पंचायत के पूरे बजट को खुर्द-बुर्द करा रहा था जिसका कोई विरोध नहीं हुआ तो उनके हौसले बुलंद हो गये, उन्होंने तालाब की मेढ़ में पर्यटन केंद्र बनाने के लिए न केवल कागजों में समिति बना ली बल्कि अगस्त 2024मे एस डी एम कोर्ट में ट्रस्ट पंजीकृत करने का आवेदन भी कर दिया जिसमें पुजारी हनुमान प्रसाद को अध्यक्ष और खुद को सचिव बनाया था सचिव बनने वाले ने खुद ही पुजारी के हस्ताक्षर भी कर न्यायालय में दरख्वास्त लगा दिया जिसकी जानकारी गांव एवं पुजारी को तब लगी जब 25सितम्बर 24को को हाजिर होने का सम्मन लोगों को मिला तो पुजारी सहित ग्राम पंचायत के उपसरपंच सहित मंदिर पर आस्था रखने वाले विरोध करने लगे तो सचिव बने पत्रकार ने लोगों को धमकाने लगे यहां तक पुलिस में फर्जी शिकायत कराने लगे इस पर भी बात नहीं बनी तो अधिवक्ताओं के माध्यम से नोटिस भेजने लगे जिसका पीड़ित जनों ने मुस्तैद होकर माकूल जवाब दिए एस डी एम कोर्ट ने एक अक्टूबर 24को ट्रस्ट का आवेदन खारिज कर दिये जिससे तमतमाए पत्रकार महोदय अखबारों में मनगढ़ंत खबरें लिखने के साथ साथ मनगढ़ंत शिकायत कराने लगे । तब मजबूर होकर पुजारी हनुमान प्रसाद मिश्र ने पुलिस में फर्जी हस्ताक्षर करने की शिकायत की जिसकी जांच अब शुरू की गई है।
दो का दर्ज हुआ बयान,बढ़ी धड़कन
धर्म स्थल को व्यावसायिक स्थल का केंद्र बनाने का विरोध करने पर प्रताड़ित करने फर्जी हस्ताक्षर करने की शिकायत करने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जांच कराई जा रही है 14फरवरी को मंदिर बनवाने वाले रामधनी बानी के वंशज दीपेश गुप्ता और राम-जानकी मंदिर बनाने वाले कृष्ण कुमार गुप्त का बयान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने लिपिबद्ध कर लिया है। इसकी जानकारी होते ही फर्जी ट्रस्ट बनाने वाले की धड़कनें बढ़ गई है।
न्यायालय का खटखटाया ताला तब जाकर हरकत में आई पुलिस
फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर की तमाम शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई तो पुजारी ने न्यायालय की चौखट में गुहार लगाई जब न्यायालय ने प्रतिवेदन मांगा तो पुलिस ने समय ले लिया अब जांच कर रही है।
अंतिम क्षणों में पहुंची गवाहों तक सूचना
मंदिर को पर्यटन स्थल बनाने की गई कूट रचना की शिकायत पुजारी ने किया था जिसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं पुलिस अधीक्षक कार्यालय से दो लोगों को 14फरवरी को हाजिर होने की नोटिस पिपरांव पुलिस चौकी के माध्यम से भेजी गई थी लेकिन पुलिस नोटिस तामील नहीं कराई हां 14फरवरी को सुबह 9बजे कृष्ण कुमार गुप्त भरतपुर को दी गई नोटिस को देखकर कृष्ण कुमार के होस वक्ता हो गये आनन-फानन वे मोटरसाइकिल से सीधी पहुंच कर अपना बयान दर्ज कराया है।