शंकरपुर भदौरा में रेल स्टॉपेज को लेकर पटरी में बैठे आंदोलनकारी,
कई घंटों तक थमें रहें कई ट्रेनों के पहिए,
रेल प्रशासन व एसडीएम के आश्वासन पर समाप्त हुआ आंदोलन,
बीरबल समाचार सीधी। जिले के अंतर्गत ग्राम भदौरा में ग्रामीणों ने सैंकड़ों की संख्या में रेल पटरी में बैठ कर रेलवे का रास्ता रोक दिया जिसके चलते कई ट्रेनों को इसके पूर्व स्टॉपजों पर ही रोक दिया गया था। आंदोलनकारियों की मांग हैं कि इस मार्ग से गुजरने वाली ट्रेन इंटरसिटी एवं शक्तिपुंज का स्टॉपेज शंकरपुर भदौरा में बनाया जाय, इसको लेकर पूर्व में भी कई बार धरना प्रदर्शन किया जा चुका है लेकिन आश्वासन के शिवाय कुछ नहीं मिला। पूर्व निर्धारित सूचना अनुसार आज शनिवार को कुसमी क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी आनंद सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने रेल पटरी पर बैठ कर रेल रोको आंदोलन किया गया।विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहें।यह आंदोलन आज शनिवार के दिन दोपहर 11:30 बजे से किया गया। जहां लगातार 3 बजे तक यह आंदोलन चलता रहा और लोग अपनी मांग पर अड़े रहे। आंदोलन कारियों ने भदौरा में भी इंटरसिटी एवं शक्तिपुंज रेल का स्टॉपेज हो इसी बात पर अड़े रहे। इन ट्रेनों का स्टॉपेज न होने के चलते सीधी जिले के आदिवासी अंचल के लोग काफी परेशान हैं और वह मुख्य मार्ग तक पहुंच नहीं पाते हैं वहीं दूसरे जगह पर जाने के लिए उन्हें बस और टैक्सी का सहारा लेना पड़ता है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आनंद सिंह ददुआ ने बताया है कि इस लाइन से करीब तीन ट्रेन लोकल जाती है इसके अलावा कई ऐसे ट्रेन है जो साप्ताहिक रूप से चलती है लेकिन सिर्फ मेमो ट्रेन के अलावा यहां कोई भी ट्रेन नहीं रुकती है। जबकि जबलपुर जाने के लिए सबसे अच्छा साधन इंटरसिटी है और इसके अलावा शक्तिपुंज एक्सप्रेस है जो कि कटनी और जबलपुर को जोड़ती है। लेकिन दोनों ट्रेन का स्टॉपेज इस स्थान पर नहीं दिया गया जबकि हमने कई बार मार्ग भी की है लेकिन उसके बाद भी क्षेत्रीय प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारी इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा अगर किसी बीजेपी का बड़ा नेता या अन्य लोग इस आवाज को उठाते तो तत्काल यहां रेलवे रुक जाती लेकिन अगर कोई जन नेता इस आवाज को नहीं उठा रहा है तो यहां ट्रेन नहीं रुक रही है। इस पूरे मामले को लेकर टिकरी चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि सैकड़ो की संख्या में लोग रेल का रास्ता ब्लॉक कर दिए हैं वहीं पटरी पर ही बैठ गए हैं। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को हमने सूचना दी और भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है और कोई भी अपनी घटना ना हो इसके लिए हम पूरी तरह से सजग हैं। साथ ही एसडीएम और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों को समझाइस दे रहे हैं।
आंदोलन में नहीं दिखे सत्ता और विपक्ष के नेता,
जिले के कुसमी विकासखण्ड अंतर्गत शंकरपुर रेलवे स्टेशन में शनिवार को सर्वदलीय रेल रोको आंदोलन ग्रामीणों के द्वारा किया गया। जहां रेल आधिकारियों से आश्वासन प्राप्त कर ग्रामीणों ने अपना धरना प्रदर्शन तो बंद कर दिया लेकिन प्रदर्शन में यह देखा गया कि सत्ताधारी दल भाजपा के एक भी नेता एवं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से श्यामवती सिंह के अलावा कोई बड़ा चेहरा रेल रोकने नही पहुंचे। जिससे यह साफ हो गया कि सत्ताधारी दल एवं विपक्ष शंकरपुर भदौरा में इन रेलों को रोकने में सहमत नहीं हैं। आंदोलन में शामिल लोगो ने कहा कि ग्रामीण जनता के साथ क्या सत्ताधारी दल और इन बड़ी-बड़ी पार्टी कांग्रेस, बहुजन, गोडवाना के नेताओ के लिए ये जनता और जनता को रेल का लाभ मिले ये महत्वपूर्ण नहीं है,शायद नही है इसलिए रेल रोको आंदोलन में शीर्ष नेता नही आये, आन्दोलन में शामिल ग्रामीणों ने चर्चा के दौरान बताया कि आने वाले चुनावो में इसका खामियाजा दोनों पार्टियों के नेताओं को भुगतना पड़ेगा।
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तीन घंटे तक चला आंदोलन
शंकरपुर भदौरा में रेल रोको आंदोलन सुबह करीब 11 बजे से शुरू हुआ जो दोपहर करीब 03 बजे तक चला। इस दौरान कटनी से सिंगरौली जानें वाली मेमो ट्रेन सहित कई माल गाड़ियों का आवागमन अवरूद्ध रहा। मेमो ट्रेन में सफर कर रहे मुसाफिरों को करीब तीन घंटे तक ट्रेन में बैठ कर समय बिताना पड़ा, जिसके चलते कई यात्रियों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ा है। हालांकि रेल प्रशासन ने शंकरपुर भदौरा में चल रहे रेल रोको आंदोलन की जानकारी मिलते ही उक्त समय पर इस मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनों को वरका, निवास एवं अन्य समीपी रेलवे स्टेशनों पर ही रोक दिया था जिसके चलते आवश्यक संसाधनों के लिए यात्रियों को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ी है लेकिन निर्धारित समय पर गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंचने से आवश्यक कार्य लेकर निकले लोगों को संघर्ष करना पड़ा है।