सड़क पर मैरिज गार्डन, यातायात व्यवस्था में हो रहा अवरोध,

टाउन एण्ड कण्ट्री प्लान के गाइडलाइन की अनदेखी,

मुख्य सडक़ों पर वाहनों की भीड़ से लगता है जाम,

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। नगर का तेजी से हो रहा गैर नियोजित विकास समस्या का सबब बनता जा रहा है। इसमें न तो टाउन एण्ड कण्ट्री प्लानिंग की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है न ही अन्य जरूरी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाता है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी समय-समय पर स्वच्छता से जुड़े सुझाव देता रहता है लेकिन इनका पालन नहीं किया जाता। नगर में दो दर्जन बड़े होटल और बारातघर संचालित हैं जहां एक रात में लाखों रूपये का कारोबार भी होता है लेकिन इनमें न तो पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होती है और न ही साफ सफाई पर ध्यान दिया जाता है। सामुदायिक भवनों का अभाव भी इसका प्रमुख कारण है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बारात घरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान लगाना अनिवार्य किया था लेकिन आज तक न तो प्लांट लगाया गया न ही पानी की स्वच्छता पर ध्यान दिया जा रहा है। आसपास गंदगी बनी रहती है कुछ जगह तो केटरिंग का कार्य भी होता है लेकिन लायसेंस नही है। जबकि यहां सैकड़ों लोगों का एक साथ भोजन बनता है। खाद्य सुरक्षा के मानकों का पालन भी नहीं किया जाता है। कभी-कभी इसीलिये लोगों को भोजन के बाद बीमारियों का शिकार होना पड़ता है। बारातघरों में झूठे बर्तनों की सफाई के लिये न तो पर्याप्त पानी का उपयोग किया जाता है और न ही समुचित ढंग से बर्तन धोये जाते हैं। वहीं वैवाहिक कार्यक्रमों के समय जूठन व डिस्पोजल के निष्पादन की भी सुविधा नही होती। जूठन उठवाकर सडक़ों पर फेंकवा दिया जाता है जहां आवारा मवेशियों का झुण्ड पहुंच जाता है और कुरेदकर सडक़ में फैला देते हैं। सीधी जिला मुख्यालय में करीब दो दर्जन बडे मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं। इनमें अधिकांश के पास पार्किंग की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। लिहाजा मुख्य सडक़ों के किनारे संचालित मैरिज गार्डन में आने वाली बारात एवं मेहमानों के वाहन मुख्य सडक़ में ही पार्किंग होते हैं। जिसके चलते मुख्य सडक़ों से गुजरने वाले अन्य वाहनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

 

 

 

जिम्मेवार विभाग बना अनजान,

 

 

 

जिला मुख्यालय में इस तरह नियमों को ताक पर रखकर मैरिज गार्डन संचालित करनें का प्रचलन काफी तेजी के साथ बढ़ा है। शहर का ऐसा कोई भी एरिया अब नहीं है जहां मैरिज गार्डन की व्यवस्था न हो। जिन इलाकों में अभी मैरिज गार्डन का अभाव बना हुआ है वहां कुछ लोग निर्माण करानें की कार्ययोजना बनाए हुए हैं। दरअसल मैरिज गार्डन संचालित करनें के लिए निर्धारित गाईडलाईन है। उसके अनुसार ही निर्माण होना चाहिए और आवश्यक व्यवस्थाएं होनी चाहिए। देखा यह जा रहा है कि जिनके पास पर्याप्त भूमि है उनके द्वारा भी पार्किंग के लिए मैरिज गार्डन के सामने जगह उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि नियमों की अनदेखी होने पर उनके ऊपर कोई भी संबंधित विभाग कार्यवाई करनें के लिए अभी तक आगे नहीं आया है। इसी वजह से लाखों रुपए में बुक होने वाले मैरिज गार्डन पार्किंग के अभाव के चलते यातायात व्यवस्था में सबसे बड़ा अवरोध साबित हो रहे हैं।

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