हरियाणा सरकार के एक निर्णय ने जगाई अतिथि विद्वानों की आश,

सैनी सरकार ने अतिथि विद्वानों को किया नियमित, अब बारी मोहन सरकार की,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। अतिथि विद्वान संघ जिला इकाई सीधी के जिलाध्यक्ष डॉ बृजेश सिंह चौहान ने फ्रेश विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि हरियाणा भाजपा सरकार के एक निर्णय ने प्रदेश में खलबली मचा दी है। जैसा कि विदित हो कि वकायदा प्रस्ताव कैबिनेट से पारित करते हुए जो उच्च शिक्षा विभाग में पिछले पांच वर्षों से काम कर रहे थे रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वान उनको अनुभव एवं योग्यता के अनुसार उन्ही पदों में स्थाई नियुक्ति दी जाएगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये वादा हरियाणा भाजपा ने चुनाव से पहले किया था जैसे ही सरकार बनी उसका इम्प्लीमेंटेसन शुरू हो गया है। इसी निर्णय को लेकर मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वानों ने मोहन सरकार से अपना वादा पूरा करने के लिए मुहिम छेड़ दी है।

 

 

 

शिवराज एवं मोहन भी कर चुके हैं महापंचायत में घोषणा कि अतिथि विद्वान नहीं होंगे बाहर,

 

 

 

 

विधानसभा चुनाव 2023 के ठीक पहले 11 सितंबर को मुख्यमंत्री निवास पर हुई ऐतिहासिक महापंचायत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उस समय के विभाग प्रमुख उच्च शिक्षा मंत्री पूरे उच्च शिक्षा विभाग के महकमें के साथ घोषणा किये थे कि “लंबे समय से काम कर रहे रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों को बाहर नही किया जाएगा”लेकिन आज तक इस लाइन इस घोषणा को पूरा नही किया गया।विभगीय आदेश जारी होते ही अतिथि विद्वानों की हवाइयां उड़ने लगी। कि इतना बड़ा झूठे वादे कैसे करते हैं इतने बड़े नेता।अब हरियाणा सरकार के निर्णय से विद्वानों ने मांग तेज कर दी है।माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विभगीय मंत्री एवं शीर्ष अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ अतिथि विद्वानो के हित मे निर्णय लेना चाहिए। फ़िक्स मासिक वेतन एवं स्थाई/नियमित/समायोजन करना चाहिए जिन रिक्त पदों में विद्वान काम करते आ रहे हैं वर्षों से। हरियाणा सरकार का निर्णय काबिले तारीफ़ है, मध्य प्रदेश सरकार को भी ऐसे ही ऐतिहासिक निर्णय लेना चाहिए।

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